नई दिल्ली। जीएसटी के लागू होने से कारोबारी इस बात से परेशान है कि उन्हें हर महीने तीन और साल में 37 रिटर्न फाइल करने पड़ेंगे लेकिन रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया का कहना है कि रिटर्न फाइलिंग काफी आसान है कारोबारी को हकीकत में हर महीने सिर्फ एक रिटर्न फाइल करना पड़ेगा जैसा वे अभी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 80% कारोबारी बी 2 सी कैटेगरी में हैं। इन रिटेलर्स को हर इनवॉयस की डिटेल नहीं देनी हैं। बस पूरा टर्नओवर बताना है उनके लिए रिटर्न फाइलिंग बेहद आसान हैं।
सरकार ने जुलाई और अगस्त की रिटर्न फाइलिंग के लिए कारोबारियों को ज्यादा वक्त दिया हैं जब कोई विक्रेता सप्लायर डिस्ट्रीब्यूटर सेल्स इनवॉयस की डिटेल अपलोड करेगा उससे जीएसटी रिटर्न 1 जेनरेट होगा यह हर महीने की 10 तारीख तक करना हैं। इसी में ग्रॉस टैक्स लायलबिलिटी इनपुट क्रेडिट और नेट टैक्स लायबिलिटी का जिक्र होगा इसे 20 तारीख तक फाइल करना पड़ेगा।
अढिया ने बताया कि जीएसटीएन पर बी2बी डीलर्स के लिए एक्सेल शीट उपलब्ध होगी इसमें वे इनवॉयस के हिसाब से डिटलेल्स भरते रहेंगे अगले महीने की 10 तारीख तक इसे अपलोड करना होगा।
कंपोजीशन स्कीम का ऑप्शन उन कारोबारियों के लिए है जिन्होंने पिछले साल बिजनेस 75 लाख रुपए का था वे इस ऑप्शन को चुन सकते हैं कारोबारी को अपने प्रिमाइसेस पर लिखना पड़ेगा कि वह कंपोजिशन के तहत कारोबार कर रहा हैं।
जीएसटी क्या हैं
जीएसटी का मतलब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स है इसको केन्द्र और राज्यों के 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में लागू किया जाएगा ये ऐसा टैक्स है जो देशभर में किसी भी गुड्य या सर्विसेज की मैन्यूफैक्चरिंग बिक्री और इस्चतेमाल पर लागू होगा। सरल शब्दों में कहे तो जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्ट टैक्स है जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा।