उज्जैन। उज्जैन के बाबा महाकाल ज्योतिर्लिंग के क्षरण को रोकने के लिए आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज सुबह 4 बजे बाबा महाकाल कि भस्मारती पूरे रस्मों रिवाज से की गई, लेकिन आरती के दौरान महाकाल को कपड़े से ढक दिया गया था। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार महाकाल का जलाभिषेक आरओं के पानी से किया गया। बता दें कि बाबा महाकाल के क्षरण को रोकने के लिए मंदिर समिति के आठ सुझावों को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।
कोर्ट ने शिवलिंग के क्षरण को रोकने के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की याचिका पर सुनावाई करते हुए फैसला सुनाया था कि बाबा महाकाल का जलाभिषेक अब से आरओं के पानी से होगा। वहीं कोर्ट ने इन दोनों संगठनों को ये आदेश दिया था कि वे हमारे फैसले के खिलाफ अपने सुझाव या फिर आपत्ति अगली सुनावाई पर दर्ज करवा सकते हैं, कोर्ट ने इस याचिका की अगली सुनवाई के लिए 30 नवंबर की तारीख निर्धारित की है। इस नई व्यवस्था को अमल में लाने के लिए मंदिर परिसर ने फैसले के बाद ही पुजारियों को नए दिशा निर्देश जारी कर दिए थे।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर समिति के मेंबर प्रदीप पुजारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद बाबा महाकाल की भस्मारती में बदलाव किया गया है। इस के चलते आज सुबह चार बजे की पहली आरती करते वक्त बाबा को कपड़े से ढक दिया गया था और उनका जलाभिषेक आरओ के पानी से किया गया और कंपड़े पर ही भस्म को चढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि इससे पहले कपड़े से सिर्फ श्रृंगार वाला हिस्सा ढका जाता था और आगे भी कोर्ट के आदेश अनुसार ही पूजा-अर्चना की जाएगी। बताते चलें कि हर रोज बाबा महाकाल का जलाभिषेक पंचामृत से किया जाता है। इसके बाद भस्म और जल को बाबा महाकाल पर अर्पित किया जाता है। बाबा कि आरती दिन में चार बार होती है और क्षद्धालु कई बार बाबा पर दुध और पानी का जलाभिषेक करते रहते हैं।