मेरठ। सरकारी तालाबों को कब्जाने वाले शिक्षण संसथानों पर अब कार्यवाही करने की तैयारियां चल रही हैं, साथ ही ऐसे कॉलेजो और इलाके से तालाब को कब्जा मुक्त भी कराया जाएगा, जिन्होंने तालाब को कब्जा कर अपने काम में ले लिया है, ये कहना है आज ही मेरठ में डीएम का चार्ज लेने वाले 2002 बेच के आईएएस अधिकारी समीर वर्मा का।
बता दें कि मेरठ में बड़े शिक्षण संस्थानो ने सरकारी तालाबां पर कब्जा जमा लिया है, एनएच 58 स्थित नीलकांत कालेज और मेरठ के चर्चित कालेज वेंकटेश्वरा ने वर्षो से सरकारी तालाब की जमीन पर अपना कब्जा जमा रखा है। तालाब को पाटकर उसको अपने काम में ले लिया है, लेकिन इन तालाबो को आज तक कोई कब्जा मुक्त नही करा पाया है। इसके कॉलेज मालिकाें का रसूख कहे या, प्रशासन की कमजोरी, राजनीतिक दबाव कहें या पैसो के बल पर सेंटिंग, जाँच बहुत हुई लेकिन सभी जाँच शुरू होने से पहले ही कागजो में दम तोड़ गई।
जल संरक्षण के लिए कोर्ट से लेकर सरकार तक सख्त है, और तालाबाें की कायापलट के लिए सफाई अभियान तक चलाए गए, पर किसी की मजाल जो इन भूमाफियाआें से तालाबों को कब्जा मुक्त करा पाए। अब प्रदेश में सरकार बदली है, निजाम बदल, तो ऐसे तालाबाें को भी जिन्दा होने की उम्मीद जगी है जो मर चुके है, इसी मामले पर डीएम समीर वर्मा सख्त है, और इस काम को अपनी प्राथमिकता में शामिल करके ऐसे भूमाफियाओ को चेतावनी दे रहे है जिन्होंने पिछली सरकार में अपनी सेटिंग करके तालाबां को अपनी जागीर समझ लिया है।
-शानू भारती