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AAP ने दिल्ली विधानसभा सत्र में किया EVM का डेमो

sorav evm AAP ने दिल्ली विधानसभा सत्र में किया EVM का डेमो

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा सत्र में AAP ने भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों पर अपना पक्ष रखने की जगह, वोटिंग प्रॉसेस में हैकिंग का दावा करने के लिए देश में पहली बार किसी विधानसभा में EVM जैसी मशीन का लाइव डेमो दिया। मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में यह डेमो AAP विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिया।यूपी चुनाव में बीजेपी की रिकॉर्ड जीत के बाद जो दल EVM पर सवाल उठा रहे हैं, उनमें AAP भी शामिल है। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने असेंबली का एक दिन का स्पेशल सेशन बुलाया था। जिस मशीन से डेमो दिया गया, वह EVM नहीं थी, बल्कि EVM जैसी थी। भारद्वाज ने दावा किया कि हैकिंग के लिए सीक्रेट कोड्स का इस्तेमाल होता है।

90 सेकेंड में मदरबोर्ड बदल सकता है। उन्होंने 19 वोट डालकर यह दावा किया कि हकीकत में 19 में से 10 वोट AAP को मिलने चाहिए। लेकिन हैकिंग होगी तो AAP को 2 ही वोट मिलेंगे और BJP को 11 वोट मिल जाएंगे। आप की अलका लांबा ने बहस की शुरुआत की। कहा- राजौरी गार्डन के उप चुनाव में टेम्परिंग नहीं हुई होती तो वहां बीजेपी की जमानत जब्त हो जाती।

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सौरभ के लाइव डेमो में क्या?

भारद्वाज सदन में EVM जैसी मशीन को लेकर आए। उन्होंने दावा किया, “मेरे जैसा साधारण इंजीनियर भी ये मशीन टेम्पर कर सकता है। एमसीडी के पहले हमारे उम्मीदवारों को भी ये मशीन दिखाई गईं थीं।” भारद्वाज ने मशीन ऑन की। फिर प्रॉसेस शुरू की। पांच बटन दबाए- बीजेपी, आप, कांग्रेस, बीएसपी और सपा को एक-एक वोट दिया। इसी प्रॉसेस को दोहराया। दावा किया, “ सुबह 6 बजे पार्टियों के एजेंट्स को जो मशीनें दिखाई जाती हैं, उस वक्त वो सही होती हैं।”(भारद्वाजके मुताबिक- ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मशीनों में उस वक्त सीक्रेट कोड डला नहीं होता)।

सौरभ के मुताबिक, “सुबह 7, 8 या 9 बजे तक वोटिंग सही होती है। इसके बाद किसी भी वक्त गडबड़ी शुरू की जाती है।” भारद्वाज के मुताबिक, “किसी भी पार्टी को जिताया जा सकता है। हर पार्टी के लिए पांच या छह अंकों का एक सीक्रेट कोड होता है। ये सीक्रेट कोड एक वोटर ही डालता है।”

(सौरभ ने इसके लिए बीजेपी वर्कर का उदाहरण दिया।)वोटिंग प्रॉसेस को उन्होंने तीन बार समझाया। हर बार तरीका एक ही था, जो वास्तव में वोटिंग में इस्तेमाल होता है। भारद्वाज ने कहा, “मान लीजिए, 10 बजे सीक्रेट कोड डाला गया तो अब जो भी वोट डाले जाएंगे, वो सिर्फ सिर्फ उसी पार्टी को जाएंगे, जिसका कोड मशीन में डाला गया है।” भारद्वाज ने इसे इस तरह समझाया….

भारद्वाजके मुताबिक कुल वोट डाले गए: 19

भारद्वाज ने कहा, “काउंटिंग में बीजेपी को 11 वोट मिले और वो जीत गई।”

भारद्वाज के मुताबिक, “हकीकत में 10 वोट आप, 2 बीएसपी. 3 बीजेपी, 2 कांग्रेस और 2 सपा को गए थे। फिर 11 वोट बीजेपी को कैसे मिले? और वो जीत गई।”

भारद्वाज ने कहा, “सीक्रेट कोड डालने के बाद वोट किसी को भी दिया जाए लेकिन, वो जाएगा उसी को (यहां बीजेपी) जिसका सीक्रेट कोड मशीन में मौजूद है।”

भारद्वाज का ये भी दावा आप के इस विधायक ने कहा, “इस गड़बड़ी को कोई नहीं पकड़ सकता। हम हवा में तीर नहीं चला रहे। मैंने इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पढ़ी। वहां से तथ्य लिए। भिंड में यही हुआ था। क्योंकि वहां, मशीनों से सीक्रेट कोड हटाया नहीं गया था। लिहाजा, मशीन हर वोट बीजेपी को जाता ही दिखा रही थी।

ईवीएम पर ताजा विवाद कब शुरू हुआ? पांच राज्यों में वोटिंग के लिए EVM के इस्तेमाल पर मायावती, हरीश रावत, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं ने सवाल उठाए। इन राज्यों में से यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी को भारी बहुमत मिला है। EVM विवाद के बाद इलेक्शन कमीशन ने कहा था।

मशीन को दो बार चेक किया जाता है। उसे कैंडिडेट के सामने जांचा और सील किया जाता है। काउंटिंग से पहले भी ईवीएम को कैंडिडेट्स के सामने खोला जाता है। बता दें कि 1980 में इलेक्शन कमीशन ने राजनीतिक दलों को EVM दिखाया था। लेकिन 24 साल बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में इसका पूरे देश में इस्तेमाल शुरू हो सका। आज तक कोई भी इलेक्शन कमीशन को EVM में हैकिंग के पुख्ता सबूत नहीं दे पाया।

 

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