देहरादून: एक परिवार, मोहल्ला, गांव या किसी जिले में कई लोग एक ही दिन पैदा हुए हों ये बात तो समझ आती है। लेकिन अगर किसी एक ही गांव के सभी लोग एक ही दिन-तारीख में पैदा हुएं हों तो? जी हां, ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के गैंडी खाटा गांव से सामने आया है जहां समूचे गांव के लोग एक ही दिन पैदा हुए हैं। बता दें, गांव की आबादी 800 से भी अधिक है।
दरअसल गांवावलों की एक ही जन्मतिथि का राज वो खुद नहीं बल्कि आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसियां हैं, जिसकी बदौलत सभी गांव वाले एक ही दिन की पैदाइश के हैं। गाववालों का कहना है कि वे भी सामान्य लोगों की तरह अलग-अलग तिथि पर ही पैदा हुए हैं। लेकिन एजेंसियों की लापरवाही के चलते उन सभी की जन्मतिथि आधार कार्ड पर एक ही है, 1 जनवरी।
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब इस तरह का कोई मामला सामने आया हो, इससे पहले भी इस तरह के कई मामले देखे जा चुके हैं जहां लोगों की जन्मतिथि एक ही पाई गई हो। बीते अगस्त महीने में ही उत्तर प्रदेश के आगरा और इलाहाबाद में इस तरह के मामले सामने आए थे।
वहीं इस तरह के मामलों पर दूसरा पक्ष ये भी है कि गांववाले जन्मतिथि को लेकर ज्यादा ध्यान नहीं देते और स्कूलों में बच्चों का नाम लिखवाते समय भी कोई आसान सी तारीख लिखवा दी जाती है जेसे कि 1 जनवरी या 1 जुलाई। लेकिन चाहें वो अभिभावकों द्वारा जन्मतिथि को लेकर कोई विशेष सरोकार हो ना हो, या एजेंसियों की तरफ से लापरवाही का मुद्दा हो इस तरह की घटनाओं का सबसे ज्यादा असर सरकार की योजनाओं पर ही पड़ता है, जिसका असर आज नहीं तो कल आम जन पर ही पड़ना है।