सिद्धार्थनगर। जिले में बने बालिका बाल गृह में रहने वाली असहाय बालिकाएं अब बेबसी की शिकार नजर आ रही है। सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज तहसील के भवानीगंज थाने के बायरा चौराहे पर बना बालिका बाल गृह उन बेसहारा बालिकाओं के लिए बनाया गया है, जिनका कोई नहीं होता। इस बालिका बाल गृह को संचालित करने के लिए सरकार बाकायदा अनुदान भी देती है। इस बालिका बाल गृह में इस समय 9 बालिकाएं हैं। इनमें से आज एक 17 वर्षीय नाबालिक दिव्या नाम की बालिका ने फिनायल (जहर) पी लिया। इसे देवरिया जिले से यहां भेजा गया है। जिसको आनन-फानन में इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने उसे बस्ती के लिए रेफर कर दिया। लड़की खतरे से बाहर बताई जा रही है। लड़की का आरोप है कि उसे इस बालिका बाल गृह के प्रबन्धक और स्टॉफ के द्वारा मारा पीटा जाता है और सभी लोगों का खाना बनवाया जाता है। मना करने पर प्रताड़ित किया जाता है।
ये बालिका बाल गृह होने के बावजूद भी इसमें रात में कोई महिला कर्मचारी नहीं रहती है। सुरक्षा के लिहाज से भी कोई इंतजाम नहीं है। इस बालिका बाल गृह में हारपिक और फिनायल जैसे नुकसान दायक सामान खुले में रखे हुए है। लाचार बालिकाओं पर उस बालिका बाल गृह में अत्याचार की बात सामने आ रही है, जहां इन अनाथों को सुविधा देने के लिए सरकार भारी रकम भी खर्च करती है। यू तो कागजों में 14 कर्मचारियों के होने की बात इस बालिका बाल गृह में बताई जा रही है, लेकिन हकीकत तो ये है कि कोई भी कर्मचारी नहीं दिखता और सबसे बड़ी लापरवाही तो रात में किसी महिला का बालिका बाल गृह में न रहना।
वहीं जब इस मामले पर बालिका बाल गृह के प्रबंधक से बात की गई, तो उन्होंने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि आपस में लड़कियों ने झगड़ा किया था, उसी झगड़े के कारण इस लड़की ने फिनायल पी लिया है। जिस नाबालिक लड़की ने फिनायल (जहर) पिया है, वो इससे पहले भी फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास कर चुकी है।