September 8, 2024 7:23 am
featured उत्तराखंड

Uttarakhand: सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को दिया गया हेवलवाणी गढ़भूमि सम्मान

WhatsApp Image 2022 11 04 at 11.41.19 AM 1 Uttarakhand: सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को दिया गया हेवलवाणी गढ़भूमि सम्मान

Uttarakhand: गुरुवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी से सामुदायिक रेडियो हेवलवाणी, चंबा टिहरी गढ़वाल के निदेशक राजेन्द्र सिंह नेगी, रवि नेगी ने से भेंट कर हेवलवाणी गढभूमि सम्मान 2022 प्रदान किया किया। साथ ही उत्तराखंडी टोपी व शॉल भेंट की।

ये भी पढ़ें :-

उत्तराखंड में आज इगास पर्व की धूम, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

उल्लेखनीय है कि सामुदायिक रेडियो हेवलवाणी के 21 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को गढभूमि सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया था। उक्त कार्यक्रम में महानिदेशक सूचना शामिल नहीं हो पाए थे।

वर्तमान समय में सामुदायिक रेडियो का महत्वपूर्ण भूमिका: बंशीधर तिवारी

इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने कहा कि वर्तमान समय में सामुदायिक रेडियो का महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सामुदायिक रेडियो को हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है। तिवारी ने कहा कि सामुदायिक रेडियो की पहुँच सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों तक है। राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं एव नीतियों के प्रचार प्रसार में सामुदायिक रेडियो महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि हेवलवाणी रेडियो ने अपने सीमित संसाधनो से इतना लम्बा सफर तय किया है।

राज्य एव केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं सुदुर क्षेत्रों में पहुंचाना हमारा प्रयास

इस अवसर पर सामुदायिक रेडियो हेवलवाणी के निदेशक राजेन्द्र नेगी ने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि राज्य एव केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का सुदुर पर्वतीय क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके। नेगी ने सूचना विभाग से सामुदायिक रेड़ियो को दिए जा रहे सहयोग के लिए महानिदेशक सूचना का आभार व्यक्त किया।

Related posts

लखनऊ में स्वतंत्रदेव सिंह ने सुनी प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’

Shailendra Singh

हरिद्वार में कांवड़ यात्रियों पर रोक, सीएम योगी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से की बात, पढ़िए पूरी खबर

Shailendra Singh

विराट कोहली ने केएल राहुल को बचाने के लिए अपना सबकुछ क्यों लगाया दांव पर?

Mamta Gautam