लखनऊ। दो गुटों में बंट चुकी सियासत की पारी समाजवादी पार्टी में जारी है। जहां एक ओर बेटे और सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी की सारी कमान अपने हाथ में लेकर बापू मुलायम को केवल मार्गदर्शक का पद दिया तो वहीं गुस्साएं मुलायम आज दिल्ली आकर चुनाव आयोग में अखिलेश की हाईजैक स्कीम की शिकायत करेंगे और अमर सिंह से भी मुलाकात करेंगे। इसी बीच कुछ ही देर पहले चाचा शिवपाल ने 5 जनवरी के अधिवेशन को स्थगित करने का ऐलान किया है। जिसकी जानकारी उन्होंने ट्वीटर के जरिए दी।
शिवपाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, नेताजी के आदेशानुसार समाजवादी पार्टी का 5 जनवरी का अधिवेशन फिलहाल स्थगित किया जाता है। सभी नेता और कार्यकर्ता। अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों में जुटे और जीत हासिल करने के लिए जी-जान से मेहनत करें। बता दें कि चुनाव आयोग में जाने के लिए मुलायम और अखिलेश दोनों ही तैयार और अपनी-अपनी दावेदारी के पेपर्स भी रेडी करवा लिए है।
नेताजी के आदेशानुसार समाजवादी पार्टी का 5 जनवरी का अधिवेशन फिलहाल स्थगित किया जाता है। सभी नेता और कार्यकर्ता (1/2)
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) January 2, 2017
… अपने-अपने क्षेत्र मेँ चुनाव की तैयारियोँ मेँ जुटे और जीत हासिल करने के लिए जी-जान से मेहनत करेँ। (2/2)
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) January 2, 2017
रविवार को अखिलेश ने संभाली अध्यक्ष की कुर्सी:-
रविवार को बुलाए गए अधिवेशन में कई अहम फैसले लिए गए जिसके चलते शिवपाल को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया तो वहीं अमर सिंह पर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया और खुद सपा सुप्रीमो की कुर्सी पर कब्जा जमाया।
इसके बाद अधिवेशन को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि मेरा नेताजी से रिश्ता कोई खत्म नही कर सकता,पार्टीऔर परिवार बचाने के लिए सभी की जिम्मेदारी है। नेताजी का सम्मान और स्थान सर्वोच्च है।कुछ ताकतें ऐसी हैं जो चाहती हैं की सरकार न बने।दोबारा सरकार बनने पर सबसे ज्यादा नेताजी खुश होंगे। नेताजी के खिलाफ साजिश करने वालों के खिलाफ हूं। नेताजी एक बार भी कहते तो मैं अपने पद से हट जाता।मैं नेता जी का पहले भी सम्मान करता था आगे भी करूंगा।