उत्तराखंड

गंगा किनारे खनन करने पर 5 लाख रुपए का जुर्माना

KHANANA गंगा किनारे खनन करने पर 5 लाख रुपए का जुर्माना

हरिद्वार। पूरी दुनिया में पवित्रता और निर्मलता के लिए मशहूर गंगा नदी अब दूषित हो रही है। वातावरण में प्रदूषण होने के कारण लगातार नदी का पानी अमृत होने की बजाय जहरीला होता जा रहा है। नदी में बढ़ते प्रदूषण को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने एक सकारात्मक कदम उठाया है। सरकार ने गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर तक की सभी क्रेशर को बंद करने का आदेश जारी किया है। गत दिनों गंगा किनारे खनन माफियाओं का कहर बढ़ने और बांधों को लेकर अनशम कर रहे स्वामी शिवानंद की अपील पर इस बात का फैसला लिया है।

आदेश नहीं मानने पर देना होगा जुर्माना

केंद्र सरकार द्वारा कहा गया है कि जो भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा उसे 5 साल की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यदि वही व्यक्ति दोबारा पकड़ा जाता है तो उसे 7 रुपए जुर्माना और 5 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भरना होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ हरिद्वार में बह रही गंगा की बात करें तो यहां पर लगभग 60 क्रेशर वर्तमान में चल रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा एक नोट जारी कर 60 क्रेशरों में से 52 को हाथों-हाथ बंद करने का आदेश सुनाया गया है।

khanana

18 साल तक चली लड़ाई

बता दें कि केंद्र सरकार ने यह फैसला अचानक से नहीं लिया है, बल्कि 18 सालों से गंगा में हो रहे अवैध खनन को लेकर हरिद्वारा के मातृ सदन के स्वामी द्वारा किए जा रहे है अनशन पर लिया गया है। गत दिनों स्वामी ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर क्रेशरों को फौरन बंद करने की मांग की थी। पत्र में स्वामी ने साफ किया था कि जब तक खनन को बंद नहीं किया जाएगा वह अनशन पर बैठे रहेंगे, वह पहले भी 8 दिनों तक प्रदर्शन कर चुके हैं।

देर आए दुरुस्त आए

केंद्र सरकार द्वारा खनन पर रोक लगाने के फैसले से खुश होकर स्वामी शिवानंद का कहना है कि सरकार ने देर से ही सही लेकिन इस फैसले को महत्वपूर्णता को समझा है। साथ ही कार्यवाही के लिए कड़े निर्देश दिए है।

Related posts

उत्तराखंड में दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग भारी बारिश के बाद अवरुद्ध

Nitin Gupta

उत्तराखंडः भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के बदले गए विभाग

mahesh yadav

सीएम रावत ने अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ किया

Rani Naqvi