नई दिल्ली। सूत्रों की मानें तो बैंकिंग सेक्टर और आरबीआई बीते वर्ष नवंबर में हजार पांच सौ के नोटों को प्रचलन से बाहर करने के बाद मोदी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने वाली है काली कमाई और भ्रष्ट्राचार पर एक और चोट करने के मकसद से केन्द्र सरकार जल्द ही 2000 के नोटों को भी सरकार बाहर करने का विचार कर रही है। फिलहाल मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक से बाजार में छोटे नोटों यानी 50, 100 और 500 के नोटों की सप्लाई बढ़ाने को कहा है सरकार जल्द ही 200 रुपए का नया नोट भी बाजार में उतारने वाली है।
केन्द्र सरकार को यकीन है कि नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले के बाद बड़ी मात्रा में काली कमाई को लोगों ने आयकर विभाग के समक्ष सरेंडर किया इसके अतिरिक्त कुछ धन्नासेंठों ने अपनी इज्जत बचाने के लिए काली कमाई और नकली मुद्रा बड़े नोटों की शक्ल में बाजार में मौजूद थी। रिजर्व बैंक ने केन्द्र सरकार के संभावित फैसले के बाद सभी बैंकों से अपनी एटीएम को छोटे नोटों के हिसाब से तब्दील करने को कहा है एसबीआई ने आदेश पर अमल करते हुए अपनी एटीएम को रीकैलिब्रेट करना शुरु कर दिया ताकि 100 और 500 के नोट ही ज्यादा निकले। इसी प्रकार बैंक ने भी एटीएम में बदलाव शुरु कर दिया हैं।
रिजर्व बैंक ने जुलाई के पहले सप्ताह से 2000 को नोटों की सप्लाई को यूं भी काफी कम कर दिया है। उम्मीद है कि सिंतबर प्रथम सप्ताह में 200 रुपए के नए नोट भी बाजार में दिखने लगेंगे एसबीआई से जुड़े बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि छोटे नोटो की संख्या बढ़ाने का मतलब है कि 2000 रुपए के नोट को बाहर का रास्ता दिखाने की शरुआत। वित्त मंत्रालय की सूत्रों की मानें तो 11 अप्रैल को नोटों की छपाई के लिए प्रॉडक्शन प्लानिंग की बैठक में रिजर्व बैंक ने 2000 के सौ करोड़ नोट छआपने का प्रस्ताव रखा था लेकिन वित्त मंत्रालय ने नोट छापने का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया।