नई दिल्ली। 15वें वित्त आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है। बीते सोमवार को 15वें वित्त आयोग की पहली बैठक दिल्ली में संपन्न हुई। वित्त आयोग के गठन के बाद हुई इस पहली आधिकारिक बैठक में आगे की कार्य रणनीति को लेकर विचार-विमर्श हुआ। वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से भी मुलाकात की।
बता दें कि 27 नवम्बर, 2017 को गठित 15वें वित्त आयोग की पहली बैठक बीते सोमवार को नई दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक में हुई। बैठक की अध्यक्षता एन.के. सिंह ने की। इसमें आयोग के सभी सदस्य जिनमें शक्तिकांत दास और डॉ. अनूप सिंह के अलावा अंशकालिक सदस्य के तौर पर डॉ. अशोक लाहिडी और डॉ. रमेश चन्द उपस्थित थे। इसमें ये फैसला किया गया कि आयोग सभी केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, राजनीतिक दलों सहित तमाम नीति-निर्धारण में सम्मिलित पक्षों से विस्तार में वित्तीय विषयों पर चर्चा करेगा।
आयोग ने मुख्य रूप से 27 नवम्बर, 2017 को वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित और राष्ट्रपति के आदेशानुसार 15वें वित्त आयोग से जुड़े मूल बिन्दुओं पर चर्चा की। आयोग इस बात पर सहमत था कि उसे विस्तृत दायरे में कार्य सौंपा गया है, जिनका उचित समाधान करना होगा। बैठक में आयोग के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, सभी राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, पंचायतों और प्रत्येक राज्य की राजनीतिक पार्टियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर तत्काल विचार-विमर्श की आवश्यकता महसूस की गई।
बता दें कि आयोग ने सभी विचारार्थ विषयों के समाधान के लिए विश्लेषण करने और देश के शोध संस्थानों की मदद लेने की जरूरत पर बल दिया। आयोग ने अपने कामकाज में शीर्ष विचारकों और विशेषज्ञों की मदद लेने के प्रति उत्सुकता व्यक्त की है। आयोग ने अपना कार्यालय नई दिल्ली में जनपथ स्थित जवाहर व्यापार भवन में स्थापित करने की मंजूरी दे दी है।
वहीं बैठक के बाद 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह एवं वित्त आयोग के सदस्यों ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात की। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की मुलाकात नार्थ ब्लॉक में उनके कार्यालय में हुई। वित्त आयोग का गठन संविधान के प्रावधानों के मुताबिक होता है।
साथ ही राष्ट्रपति वित्त आयोग का गठन करता है, जो केंद्र-राज्य के बीच वित्तीय संसाधनों के बंटवारे का निर्धारण करता है। साथ ही राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय मदद पर भी अपनी सलाह देता है। इसके अलावा वित्त आयोग वित्तीय विषयों पर राष्ट्रपति एवं सरकार को अपनी रिपोर्ट देता है। वित्त आयोग के गठन की शुरूआत 1951 में हुई। अब तक 14 वित्त आयोग का गठन हो चुका है।