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छोटे पंखों की बड़ी ऊड़ान, अरमानों को मिला नया आसमान

Anubhuti छोटे पंखों की बड़ी ऊड़ान, अरमानों को मिला नया आसमान

लखनऊ। छोटे पंखों की बड़ी ऊड़ान, अरमानों को मिल गया नया आसमान ये लाइने साक्षात्कार होती हैं 13 साल की अनुभूति को देखकर, जो इतनी छोटी सी उम्र में एक नॉवेल की लेखक बन गईं हैं। लेखन की शौकीन अनुभूति ने ‘द अन-नोन-एपिक’ नाम की एक नॉवेल को पूरा किया है। जिसमें 16 के एक लड़के की बड़ी दिलचस्प कहानी है।

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अनुभूति बिहार के पूर्णिया की रहने वाली हैं, लेकिन अब वो महाराष्ट्र के पुणे में जाकर बस गईं हैं। अनुभूति बताती हैं कि उन्होंने 12 साल की उम्र में इस नॉवेल को लिखना शुरू किया था जिसे अब 13 साल की उम्र में पूरा कर लिया है। इनकी इस नॉवेल को ऑनलाइन कंपनी एमेजॉन (amazon) के माध्यम से बाजार में उतारा गया है।

Anubhuti

अनुभूति को बचपन से ही नॉवेल पढ़ने का शौक था। और अब उन्होंने अपना दूसरा नॉवेल लिखना शुरू कर दिया है अनुभूति के पिता आईआईटी कानपुर से पढ़े-लिखे हैं वहीं उनकी मां एक फैशन डिजाइनर हैं। माता-पिता बताते हैं कि अनुभूति बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार रही हैं। वह एक कुशल जिमनास्ट हैं साथ ही गाने और डांस का हुनर भी रखती हैं। अनुभूति अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं।

नॉवेल में क्या है:-

‘द अन-नोन-एपिक’ एक 16 साल के लड़के की कहानी है जो अनाथ है। लड़के का जीवन अनाथआश्रम में गुजरता है। उसे अपने बारे में ज्यादा पता नहीं लेकिन अपने माता-पिता से बिछड़ने की कुछ धुंधली तस्वीरें हैं। वो हर वक्त खुद को एक नॉर्मल इंसान पाता है लेकिन ऐसा नहीं है लेकिन रात में उसे बड़े अजीबोगरीब सपने आते हैं। बाद में उसकी कहानी और भी दिलचस्प हो जाती है। कहानी में उसके शिक्षकों का भी बड़ा रोल हैं।

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