मधेपुरा। बिहार के देवघर कहे जाने वाले मधेपुरा के सिंहेश्वर में सावन के दुसरे सोमवारी के अवसर पर भक्तजनों का रात्रि के बाढ़ बजे से ही आना शुरू हो गया था। सोमवार को डेढ़ लाख भक्तों ने बाबा को जल चढ्या। देर रात से ही छोटे एवं बड़े गाड़ियां भर का श्रद्धालुओं का आना लगभग चलता रहा भीड़ ज्यादा होने की आशंका को देखते हुए सुबह दो बजे पंक्तिबद्ध भक्तों के लिये बाबा का पट लगभग पौने तीन बजे न्यास कर्मीयों के मौजुदगी में खोल दिया गया।
बाबा का पट खुलते ही बोल बम व हर हर महादेव की ध्वनि से पूरा मंदिर परिसर गुंज उठा। बाबा के जयकारे से पुरा मंदिर परिसर भक्ति रंग में इुब गया। बाहरी श्रद्धालु पहले शिवगंगा में स्नान कर फिर बाबा की पुजा करते नजर आये कई श्रद्धालुओं द्वारा स्थानीय पुजारी द्वारा जल का संकल्प कर पुजा अर्जना की गई। बाबा नगर पहुचने में श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। क्योंकि प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजुद बाबा नगरी में जगह- जगह कचड़ो का अंबार लगा रहा।
कचरे से आगे भक्त सावन माह शुरू होने से पूर्व डीएम मो सोहैल की अध्यक्षता में की गई बैठक में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि सावन माह में पुरे सिंहेश्वर में कहीं भी कचड़ा नही दिखेगा लेकिन डीएम के निर्देश को ताक पर रखते हुये सावन माह के दुसरे सोमवारी से मात्र दो दिन पूर्व मंदिर रोड के नाले की सफाई की गई और नाले से निकली गंदगी को सड़क पर ही छोड़ दिया गया हालांकि थोड़ा बहुत गंदगी को फेंका भी गया लेकिन काफी मात्रा में गंदे कचड़े को वहीं छोड़ दिया गया है।
बाबा के प्रति आस्था के बदौलत ही लाखों भक्त सिंहेश्वर पहुंचते है लेकिन उनके लिये न्यास के ओर से की जाने वाली व्यवस्था नगण्य होती है. काम चलाउ पद्धति पर हमेशा से काम करने वाले न्यास से स्थानीय लोगों ने तो अपना ध्यान हटा लिया है लेकिन सिंहेश्वर पहुंचने वाले बाहरी श्रद्धाुलओं के लिये ना रास्ते सही और ना उसका रख- रखाव ही सही।
सावन के सोमवारी से ठिक पहले नाले की सफाई करना और गंदे कचड़े को जैसे तैसे छोड़ देना श्रद्धालुओं के साथ अत्याचार को दर्शाता है. नाले के गंदे कचड़े के साथ- साथ पुरे मंदिर रोड में जगह- जगह गंदगी फैला हुआ है। बाबा के भक्त कचड़ो को पार कर बाबा .मंदिर तक पहुंच रहे है जबकि बैठक में कचड़े को हटवाने की जिम्मेवारी गौरीपुर मुखिया को दी गई थी।